Saturday 17 August 2013

आचार्य चाणक्य जी ने बताया कि किससे क्या सीख व् शिक्षा लेनी चाहिए .

1-  मनुष्य कों सिंह ,शेर से एक गुण ,बगुले से एक गुण तथा कुक्कुट ,मुर्गे से चार गुण सीखने चाहिएं, कौए से पांच गुण ,कुत्ते से छह गुण और गधे से तीन गुण सीखने चाहिए व ग्रहण करने चाहिएं |
2-  मनुष्य जो बड़ा अथवा छोटा कार्य करना चाहता है उस कार्य को पूर्ण शक्ति लगाकर  ,सब प्रकार के प्रयत्नों से करे - इसे सिंह से एक शिक्षा ग्रहण करना ,सीखना कहते हैं |
3-  बुद्दिमान मनुष्य बगुले की भांति एकाग्रचित्त होकर तथा इन्द्रियों कों बश में करके देश ,काल और अपने बल कों जानकर सारे कार्यों कों सिद्द करे |
4-  यथासमय और उचित समय जागना तथा युद्द के लिए सदा उद्धत रहना और बन्धुओं में /को उचित विभाग (हिस्सा )देना तथा स्वयं आक्रमण करके ,छीनकर भोजन करना- इन चार बातों कों मुर्गे से सीखना चाहिए |
5-  छिपकर मैथुन करना और ढीठपना तथा समय-समय पर संग्रह करना ,सदा प्रमादरहित होकर जागरूक रहना तथा किसी पर भी विश्वास न करना-इन पांच बातों कों कौए से सीखना चाहिए |
6-  बहुत खाने की शक्ति रखने वाला ,न मिलने पर थोड़े में ही सन्तुष्ट हों जाना ,खूब सोने वाला परन्तु तनिक सी आहट होते ही जागने वाला ,झटपट जागना ,स्वामी की भक्ति ,स्वामी के प्रति अनुरक्ति ,मालिक के प्रति वफादारी और शूरता- ये छह गुण कुत्ते से सीखने चाहिएं |
7-  अत्यन्त थक जाने पर भी भार कों ढोते जाना तथा सर्दी-गर्मी कों नहीं देखना  ,सर्दी-गर्मी की परवाह नहीं करना और सदा सन्तुष्ट होकर विचरना ,सन्तोष से जीवन बिताना- इन तीन बातों को गधे से सीखना चाहिए |

8-  जो मनुष्य इन बीस गुणों का आचरण करेगा ,इन्हे जीवन में धारण करेगा वह सब कार्यों और अवस्थाओं में किसी से न जीता जाने वाला ,विजयी हों जाएगा

2 comments:

  1. Awesome blog sir.....i am impressed with your thought to make a blog on "chanakya niti".

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