Friday 27 September 2013

चाणक्य जी ने बताया कि किससे बढ़कर क्या नहीं .

1-  शांति के समान दूसरा कोई तप नहीं है ,सन्तोष से श्रेष्ठ सुख नहीं है ,तृष्णा से बढ़कर रोग नहीं है और दया से बढ़कर धर्म नहीं है

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